डॉस (DOS) एक ऑपरेटिंग सिस्टम है । किसी कम्प्यूटर सिस्टम के सरल कार्यों को करने के लिए यह एक महत्त्वपूर्ण सॉफ्टवेयर है । इसका पूरा नाम डिस्क ऑपरेटिंग सिस्टम (Disk Operating System) है । यह ऑपरेटिंग सिस्टम उपभोक्त्ता और कम्प्यूटर सिस्टम के बीच माध्यम का काम करता है । इस ऑपरेटिंग सिस्टम के जरिये कम्प्यूटर को चलाने से पहले ऑपरेटिंग सिस्टम को मेमोरी में लोड करना आवश्यक है । डॉस हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर के बीच एक माध्यम का कार्य करता है । यह उन कमाण्डों को परिवर्तित करता है जो की-बोर्ड की मदद से ऐसी भाषा डाली जाती हैं जिन्हें कम्प्यूटर आसानी से समझ सके । इसे डिस्क पर स्टोर किया जाता है और यह आपकी हार्ड डिस्क से में मेमोरी में लोड किया जाता है । आप विशेष कमाण्डों के प्रयोग से निम्नलिखित कार्यों को कर सकते हैं : फाइल को बनाना या मिटाना और फाइल के नामों को बदलना । आप स्टोर की गई फाइलों की सूचि देख सकते हैं । आप हार्डवेयर को दो भागों में बाँट सकते हो । नई फ्लॉपी डिस्क को फॉरमेट कर सकते हो । आप हार्ड डिस्क से फ्लॉपी में और फ्लॉपी डिस्क से हार्ड डिस्क में बैकअप ले सकते हैं । वे कार्य ...
डेटा संचार दो या दो से अधिक केन्द्रों के बीच डिजिटल या एनालॉग डेटा का स्थानान्तरण है, जो आपस में संचार चैनल से जुड़ा होता है । डेटा संचार के निम्नलिखित लाभ है : डेटा को भौतिक रूप से भेजने में तथा डेटा तैयार करने में लगने वाले समय की बचत । आधुनिक कम्प्यूटर के प्रोसेसिंग शक्ति तथा संग्रहण क्षमता का पूर्ण उपयोग । फाइल से सूचनाओं की तीव्र प्राप्ति । फाइलों के नकल से बचाव तथा शुद्धता कम खर्च में डेटा का आदान-प्रदान । संचार चैनल मुख्यतः तीन प्रकार के होते है : सिम्पलेक्स चैनल (Simplex Channel) : इसमें डेटा का प्रवाह हमेशा एक ही दिशा में होता है । जैसे - रेडियो स्टेशन से रेडियो सिग्नल श्रोताओं के पास पहुँचता है, पर श्रोता वापस उन्हें रेडियो स्टेशन स्थानांतरित नहीं कर सकता है । सिग्नल एक ही दिशा में अर्थात 'A' से 'B' की और जाता है । अर्द्ध डुप्लेक्स चैनल (Half Duplex Channel) : इस चैनल में डेटा का प्रवाह दोनों दिशाओं में होता है । परन्तु एक समय में किसी एक ही दिशा में डेटा का प्रवाह होता है, अर्थात 'A' से 'B' या 'B' से 'A' की औ...